नमः कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिनि ॥ ६ ॥
अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः
श्री महा लक्ष्मी अष्टोत्तर शत नामावलि
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः
aiṃ hrīṃ klīṃ chāmuṇḍāyai vichchē jvala haṃ saṃ laṃ kṣaṃ phaṭ svāhā ॥ five ॥
येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः शुभो भवेत् ॥ १ ॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः
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देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
इसके प्रभाव से जातक उच्चाटन, वशीकरण, मारण, मोहन, स्तम्भन जैसी सिद्धि पाने में सफल होता है.
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